विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो को SC ने अंतरिम जमानत देने से किया इनकार
SC Refuses Interim Bail to Nikhat Bano
SC Refuses Interim Bail to Nikhat Bano: माफिया मुख्तार अंसारी की बहू और विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने निकहत बानो को अंतरिम जमानत देने से किया इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने निकहत की रेगुलर जमानत याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. इस पर 4 अगस्त तक यूपी सरकार से जवाब मांगा गया है.
दरअसल, निकहत बानो चित्रकूट जेल में बंद अपने पति से गैरकानूनी मुलाकात के आरोप में गिरफ्तार हुई थी. वह जेल में बंद है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 29 मई को निखत बानो की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट के आदेश को निखत बानो ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
बता दें कि यूपी पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो एवं उनके ड्राइवर नियाज अंसारी को छापेमारी कर गिरफ्तार किया था. इसके बाद जांच के दौरान निकहत बानो को चित्रकूट जेल के पास मकान की व्यवस्था करवाने एवं बिना पर्ची के मुलाकात करवाने के मामले पता चलने पर फराज खान को गिरफ्तार भी किया गया. इसके बाद पूरे महकमे पर भी गाज गिरी.
पुलिस ने आरोपी जेल वार्डन जगमोहन, जेलर संतोष कुमार, जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर व डिप्टी जेलर चंद्रकला को भी साजिश में शामिल होकर अपराध को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इस मामले में अब्बास अंसारी उनकी पत्नी निखत बानो, ड्राइवर नियाज अंसारी, फराज खान एवं नवनीत सचान के विरुद्ध विभिन्न धाराओं एवं आरोपों में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. हाईकोर्ट में जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ के आदेश को बानो ने सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी है.
उमर अंसारी को आपत्तिजनक भाषण मामले में राहत नहीं
2022 मे यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान आपत्तिजनक भाषण देने के आरोपी उमर अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को रद्द करने की मांग की थी. उमर पर मऊ जिले में एक रैली का मंच साझा करने के दौरान सरकारी अधिकारियों का हिसाब चुकता करने की धमकी देने का आरोप है. उमर अंसारी के वकील निजाम पाशा ने दलील दी कि आपत्तिजनक भाषण मैंने नही दिया था. मैं तो सिर्फ उस स्टेज पर बैठा था जहां पर भाषण दिया गया था. यानी भाषण मेरी मौजूदगी में दिया गया था. इसके बाद उमर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ. उसी को रद्द कराने पहले हाईकोर्ट गए. वहां से कोई राहत नहीं मिली तो अब सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है.
जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने कहा कि हम ऐसे मामले में जांच के इस चरण में एफआइआर रद्द नहीं करेंगे. हाईकोर्ट ने भी सही आधार पर ही राहत देने से इनकार किया है. अब तो आपको वहां मुकदमे का सामना करना ही होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है तो हम भी कोई राहत नहीं देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उमर अंसारी को कहा कि आप निचली अदालत जाइए. वहां जाकर नियम के मुताबिक आप राहत मांग सकते हैं.
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